व्‍यर्थ नहीं जाएगा, जवानों का बलिदान उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे; PM नरेंद्र मोदी, Indian army, join Indian army
PM Narendra modi


Indian army

गलवान घाटी में भारतीय सेना (Indian army) जवानों के शहीदों के मुद्दे पर PM नरेंद्र मोदी(Narendra modi) ने बोलते हुए कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा, उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत शांति चाहता है। हम किसी को उकसाते नहीं हैं लेकिन हमको जवाब देना आता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है। वीरता हमारे देश के चरित्र का हिस्सा है। हमारे भारतीय जवानों ने मारते-मारते शहादत दी। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं होने देंगे। कोई भी देश भ्रम में ना रहे। उकसाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत किसी देश को उकसाता नहीं है, हमें अपने भारतीय जवानों पर गर्व है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने हमेशा पड़ोसियों के साथ काम किया है। इस बात की हमेशा कोशिश की है कि मतभेद और विवाद का हिस्‍सा ना बनें। लेकिन हम अपनी संप्रभुता अखंडता के साथ समझौता नहीं करेंगे। आज कोरोना के मुद्दे पर मुख्‍यमंत्रियों के साथ दूसरे दिन की बैठक से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ये बात कही। इसके साथ ही उन्‍होंने सभी मुख्‍यमंत्रियों के साथ शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन भी रखा।

रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया


इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत परेशान करने वाला और दु:खद है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना के जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी।

उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि ‘‘देश अपने देश के भारतीय सेना (join Indian army) ke सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। शहीद भारतीय सेना के जवानों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं रहेगा। देश में इस मुश्किल समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत देश के भारतीय सेना  के वीरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है, और हमेशा रहेगा।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 और भारतीय सेना सैन्यकर्मी(भारत के लाल) शहीद हो गए।

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास के कारण हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी। अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता। तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था।

पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सेनाओं ने सीमा का अतिक्रमण किया है।

भारतीय सेना(Indian army) ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।